वित्त मंत्रालय ने बैंकों को एनपीए के समाधान में तेजी लाने और उसकी वसूली पर ध्यान देने के लिए कहा

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रमुखों के साथ बैठक की। बैठक में सरकारी बैंकों के वार्षिक प्रदर्शन और विभिन्न सरकारी योजनाओं के मामले में उनकी प्रगति की समीक्षा की गई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बैठक की अध्यक्षता करनी थी लेकिन अन्य कारणों की वजह से वह इसमें शामिल नहीं हो सकीं। इसलिए पीएसबी की वार्षिक प्रदर्शन समीक्षा की अध्यक्षता वित्त राज्य मंत्री भागवत के कराड ने की।

बैठक में केंद्रीय मंत्री के अलावा वित्तीय सेवा सचिव संजय मल्होत्रा ​​और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। सूत्रों ने अनुसार, बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध समेत अन्य परिस्थितियों का सामना कर रही अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में तेजी लाने को लेकर बैंकों को उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण मंजूर करने को कहा गया है। उसने कहा कि बैंकों को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के समाधान में तेजी लाने और उसकी वसूली पर ध्यान देने के लिए कहा गया है।

बैठक में बैंकों की ऋण वृद्धि, संपत्ति की गुणवत्ता और व्यवसाय विकास योजना का जायजा लेने के साथ 100 करोड़ रुपए के एनपीए और कर्ज वसूली की स्थिति पर भी चर्चा की गई। इस दौरान किसान क्रेडिट कार्ड और आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) समेत अन्य सरकारी योजनाओं में विभिन्न क्षेत्रों और प्रगति को लेकर व्यापक समीक्षा हुई। इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि बैंकों की पूंजी आवश्यकताओं की समीक्षा और वित्तीय समावेशन अभियान भी चर्चा का हिस्से थे। उल्लेखनीय है कि यह बैठक सभी सरकारी बैंकों के लगातार दूसरे वित्त वर्ष में लाभ में रहने के बीच आयोजित की गई है। वित्त वर्ष 2021-22 में सरकारी बैंकों का शुद्ध लाभ दोगुना होकर 66,539 करोड़ रुपए हो गया था। वित्त वर्ष 2020-21 में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों का कुल लाभ 31,820 करोड़ रुपए था।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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